“जीतना ही सब कुछ नही| पर जीतने कि चाह रखना ही सब कुछ है|”
इसी सोच के साथ AIT की कोरियो टीम ने अपने कदम IIM इंदौर की तरफ बढ़ाये| जोश से सराबोर होकर विकास रावत, BE Comp अपनी इस १३ सदस्यीय टीम का नेतृत्व करते हुए इंदौर पहुँचे|
AIT का पहला ही मुकाबला वाहन पहुँचने की रात ही था| मुद्रा नाम की इस प्रतियोगिता में नृत्य के ज़रिये किसी सामजिक समस्या को दिखाना मुख्य ध्येय था| AIT ने आतंकवाद को चुना तो सामने दिल्ली के Shri Venkateshwara College, IIM-I खुद और इन्हीं जैसी अन्य बारह मंजी हुयी टीम के साथ सामना करना पड़ा|. हालांकि AIT के पास कोई props नहीं थे, परन्तु अपने UV Lights के प्रदर्शन से वहाँ बैठे सभी दर्शकों को चौंका दिया| पहले 'हम-दम' नाम की AIT की टीम अब Feettappers के नाम से जलवे दिखा रही थी| दूसरी टीमों ने राष्ट्रीय एकता, देश की नौ प्रमुख नृत्य कलाएं, ऑस्ट्रेलिया में नस्लवाद आदि विषयों पर प्रस्तुति दी| परन्तु प्रथम पुरस्कार तो सिर्फ AIT के हाथ में ही आना था| और AITians ने RS 30,000/- अपनी झोली में डाल लिए|
अगले दिन ‘STREET FREAK’, के तहत, मात्र पांच से सात सदस्यों की टीमें हो सकती थी| अतः, AITians दो भागों में बंट गए| विकास रावत (BE Comp) के नेतृत्व में AIT की एक टीम ने पहला पुरस्कार पाया (INR 8,000/-) और अभिषेक (SE E&TC) के नेतृत्व वाली टीम ने तृतीय स्थान पर कब्ज़ा किया|
Solo dance के तहत एक बार फिर से विकास रावत ने AIT का प्रतिनिधित्व किया| अंतिम दौर में लगभग पन्द्रह लोग ही पहुँच पाए पर सबकी आँखें Feettappers के जांबाज़ पर थी| "कहीं तो होगी वो" के गीत पर उनके hip-hop से तो निर्णायक-गण भी अपनी-अपनी कुर्सियों से उछल पड़े| इतनी प्रशंसा के बाद तो AIT के हाथ पहला ईनाम आना लाजमी था, यानी Rs 5000/-| उन्होंने साबित कर दिया कि AIT के Feettappers की टक्कर में कोई नहीं ठहर सकता| निर्णायकों ने स्वयं विकास रावत को सलाह दी कि वे राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताओं में भाग लें, जैसे DID. हम शीघ्र ही उन्हें वहाँ भी देखने की आशा रखते हैं|
AIT Feet-tappers में निम्नलिखित सदस्य थे:
विकास सिंह रावत, गैरी रोहन सिंह, राजदीप कठैत, अनिल सहरावत, आदित्य यादव, विपिन पाल बिष्ट, आशीष श्योराण, अभिषेक सिंह, गौरव नेगी, मनीष भट्ट, अतुल त्रिपाठीऔर अनिरुद्ध कौशिक|