Tuesday, October 5, 2010

Submission का प्रहार - फच्चों खबरदार|

जैसे जैसे सेमेस्टर का अंत निकट आ रहा है,वैसे वैसे Journals लिखने का काम जोर शोरों से पर होता जा रहा है| व्यंग्यात्मक तौर पर प्रथम वर्ष किसी छात्र के लिए उतना बुरा भी नहीं होता जितना कहा जाता है क्योंकि यही वह समय है जब कोई छात्र सभी शाखाओं के पाठ्यक्रमों से होकर गुज़रता है और जान जाता है कि जिस शाखा को उसने चुना है, वह उसके लिए उचित है भी या नहीं|

प्रथम वर्ष के जो छात्र तिमाही परीक्षाओं में विफल हो गए थे उन्हें हर रोज डोम में पढ़ने के लिए रात के 9 बजे से 11 बजे तक भेजा जाता है| अब ये तो भगवान ही जानता है कि उस दौरान वे कितना पढते हैं| पर ये सच है कि इस से वे कम से कम अपने वरिष्ठ छात्रों के द्वारा किये जाने वाले submission के प्रहारों से अवश्य बच जाते हैं|

अनुमान लगाया जा रहा है कि submissions का काम अब से लगभग पन्द्रह दिन के भीतर ही समाप्त हो जायेगा तथा प्रयोग-परीक्षाएं भी इस महीने कि 29 तारीख से निर्धारित होंगी|

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